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मैंने भी चाही तसल्ली, कौन समझाए? नाक पर बैठी है मक

मैंने भी चाही तसल्ली,
कौन समझाए?
नाक पर बैठी है मक्खी,
कौन खिसकाये?!

©Shiv Narayan Saxena नाक पर मक्खी.
मैंने भी चाही तसल्ली,
कौन समझाए?
नाक पर बैठी है मक्खी,
कौन खिसकाये?!

©Shiv Narayan Saxena नाक पर मक्खी.

नाक पर मक्खी.