मंझधार में जैसे कोई, चला रहा पतवार; 'प्यार की किश्ती' को खुद 'प्यार' लगा रहा पार; ऊँच-नीच, जाति-धर्म का है बंधन न कोई, प्यार की सीमा न कोई - प्यार की सीमा न कोई।। प्यार की सीमा न कोई यह जैसे आकाश अनंत। #प्यारकीसीमा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi