काश वक़्त हमारे ताबे होता,* तो आज ये दिल तन्हा न होता । गुज़रे लम्हो की तपिश बाक़ी है, लौट आने का भरोसा न होता तूने अच्छा न किया मेरे खुदा, मुझ गुन्हागर को मार दिया होता। मे तो शर्मिंदा हूंँ खुद पर"परवेज़" काश मर जाता तो अच्छा होता! W₹itten By:- Parvej Pammi ©I luv My Past #visionofnewthoughts #Memores #meltingdown #MyLoveLost