कभी-कभी रूह निराशा और हताशा के बादलों में, इस कदर फ़ँस जाती है, कि, इंसान निराशा की ओर बढ़ते-बढ़ते उस शून्य तक पहुँच जाता है, जहाँ कुछ खोने और पाने की ख़्वाहिश नहीं रहती...।। #yqbaba #yqdidi #nirasha