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निवेदन ज़िन्दगी से है समझ पाए ना अपने ही,शिकायत उ

निवेदन ज़िन्दगी से है 

समझ पाए ना अपने ही,शिकायत उनकी ठगी से है! 
खुदा भी फेर बैठा मुँह,दर्द उस बंदगी से है! 
सिखाया सबने मुझको ये,गलत करना नही कभी... 
सीख पर उतर जाऊँ खरी,निवेदन जिंदगी से है!!

©Rimpi chaube
  #निवेदन_ज़िन्दगी_से_है