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हमको इस दुनिया में लाया... पापा ने हाथ पकड़ चलना सि

हमको इस दुनिया में लाया... पापा ने
हाथ पकड़ चलना सिखलाया पापा ने

डाँटा-मारा और दुलराया...पापा ने
संस्कार का पाठ पढ़ाया....पापा ने

कांधे पर बैठाकर नन्हे हाथों से
आसमान छूकर दिखवाया पापा ने

सहज-सरल नन्ही नन्ही दो आँखों को
स्वप्न देखना है सिखलाया.. पापा ने

कर्तव्यों को खूब निभाया...पापा ने
बच्चों के जीवन को सजाया पापा ने

हर सुविधाओं से मिलवाया...पापा ने
मग़र कभी हक नहीं जताया पापा ने

अपने जीवन में हम उन्नति कर पाएँ
पढ़ा-लिखा इस योग्य बनाया..पापा ने

बच्चों पर जब भी कोई मुश्किल आई
आगे बढ़कर खुद निबटाया... पापा ने

अपने हिस्से की खुशियों को कतर-कतर
बच्चों को है पंख लगाया... पापा ने

हर एक पग पर मात-पिता की दस्तक है
उनके आगे हर उपमा नतमस्तक है
--प्रशान्त मिश्रा पापा ने
हमको इस दुनिया में लाया... पापा ने
हाथ पकड़ चलना सिखलाया पापा ने

डाँटा-मारा और दुलराया...पापा ने
संस्कार का पाठ पढ़ाया....पापा ने

कांधे पर बैठाकर नन्हे हाथों से
आसमान छूकर दिखवाया पापा ने

सहज-सरल नन्ही नन्ही दो आँखों को
स्वप्न देखना है सिखलाया.. पापा ने

कर्तव्यों को खूब निभाया...पापा ने
बच्चों के जीवन को सजाया पापा ने

हर सुविधाओं से मिलवाया...पापा ने
मग़र कभी हक नहीं जताया पापा ने

अपने जीवन में हम उन्नति कर पाएँ
पढ़ा-लिखा इस योग्य बनाया..पापा ने

बच्चों पर जब भी कोई मुश्किल आई
आगे बढ़कर खुद निबटाया... पापा ने

अपने हिस्से की खुशियों को कतर-कतर
बच्चों को है पंख लगाया... पापा ने

हर एक पग पर मात-पिता की दस्तक है
उनके आगे हर उपमा नतमस्तक है
--प्रशान्त मिश्रा पापा ने

पापा ने