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खुद से हीं अनजान मै जानें कहाँ जा रहीं हूँ चल तो र

खुद से हीं अनजान मै
जानें कहाँ जा रहीं हूँ
चल तो रास्तों पर रहीं हूँ
पर भूलभुलैया में फँसती जा रहीं हूँ मै
पंख तो मुझें भी मिलें थे
खुलें आसमान की सैर को
पर उन पंखो के बोझ तलें ही
दबी जा रही हूँ मै
हाँ मै नारी हूँ
कभी पूजी भी जाती हूँ
पर ये कभी-कभी होता है
रोज बाजारों में नोंची जा रही हूँ मै । #मै #women #zid #respect #navratrispecial #nojotohindi
खुद से हीं अनजान मै
जानें कहाँ जा रहीं हूँ
चल तो रास्तों पर रहीं हूँ
पर भूलभुलैया में फँसती जा रहीं हूँ मै
पंख तो मुझें भी मिलें थे
खुलें आसमान की सैर को
पर उन पंखो के बोझ तलें ही
दबी जा रही हूँ मै
हाँ मै नारी हूँ
कभी पूजी भी जाती हूँ
पर ये कभी-कभी होता है
रोज बाजारों में नोंची जा रही हूँ मै । #मै #women #zid #respect #navratrispecial #nojotohindi