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याद है मुझे वो शायद अमावस की स्याह रात थी । सितारे

याद है मुझे वो शायद अमावस की स्याह रात थी ।
सितारे थे गगन में दिल में अरमानों की बारात थी ।
धड़क रहा था दिल काबू में न हमारे जज्बात थे ।
जिसे चाहते थे उसकी मां हमारे घर मेहमान थी ।

©Rajnish Shrivastava
  #हास्य