Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरे नसीब में तारीफ ही तारीफ लिखी है बस फर्क है म

मेरे नसीब में  तारीफ ही तारीफ लिखी है
बस फर्क है मेरी सराहना के बजाय विटंबना लिखी है

जब भी करता हुं किसी काम कि तैयारी
 सडेली अक्कल मेरी गलतिया ही करती है

नशीब को मानती नही
लेकिन सच को निगलना जानती नही

बडे नशीब से मिला है जनम
नशीब तु कहाँ यह जानता है

पल भर के प्यार को वोह
उम्र भर की साथ कहता है

मेरे नशीब मे मै नशीब वाला नही हुं
बल्की नशीब को नशीब से नशीली दवा देता हुं । #naseeb
मेरे नसीब में  तारीफ ही तारीफ लिखी है
बस फर्क है मेरी सराहना के बजाय विटंबना लिखी है

जब भी करता हुं किसी काम कि तैयारी
 सडेली अक्कल मेरी गलतिया ही करती है

नशीब को मानती नही
लेकिन सच को निगलना जानती नही

बडे नशीब से मिला है जनम
नशीब तु कहाँ यह जानता है

पल भर के प्यार को वोह
उम्र भर की साथ कहता है

मेरे नशीब मे मै नशीब वाला नही हुं
बल्की नशीब को नशीब से नशीली दवा देता हुं । #naseeb