सुनहरी पीली, चटकीली नीली, नारंगी, रंग- बिरंगे रंगों से भरी होती है सारी तितलियां। पंख सजीले, कोमल-कोमल, इन्द्रधनुष से सतरंगी, कितनी सयानी होती है तितलियां। गुनगुन-गुनगुन गाती हैं, फूल-फूल पर जाती हैं, मीठा-मीठा रसपान करती है तितलियां। बागों में रहती, करती अठखेलियां, इठलाकर इधर-उधर बस उड़ती फिरती हैं तितलियां। सबके मन को भाती हैं, इस बगिया से उस बगिया तक धूम मचाती रहती हैं ये तितलियां। पंख नचाती, सबको लुभाती, पकड़ने जाओ तो फुर्ररर से उड़ जाती हैं, मतवाली तितलियां। सारी बंदिशों को तोड़ कर, आजादी से हमको जीना सिखलाती, अद्भुत हैं ये तितलियां। सुनती ना किसी की, करती मनमानी, परियों की शहजादी सी हैं, प्यारी-प्यारी तितलियां। सम रूल्स ** यह प्रतियोगिता 17 है । ** कोलैब ऑक्शन कृपया ऑफ करें आप लोग कोलैब करने के बाद । ** समय - दोपहर के 01 : 30 बजे तक कोलैब कर सकते हैं ।