आमने-सामने आमने-सामने बैठ कभी बतिया तो, कुछ मेरी सुन कुछ अपनी बतला तो, सालों के फासले है तेरे-मेरे दरम्यान, आ साथ बैठ इन्हे कम करवा तो।। #अंकित सारस्वत# #आमने सामने