White जिसके सहारे काट सके बाकी ज़िन्दगी ऐसा कोई ब्रह्म ना मिला जख्म तोह खूब दिये ज़िन्दगी ने मगर मगर उन पर लगाने को मलहम ना मिला चौपाल पर बैठ जिसने सबको अपना कहा आज अकेली अर्थी पर उसे कोई अपना हम ना मिला और जो तलाशता था हम उजियारे महल में जो बरतता उस आशियाने को ऐसा कोई अपना हम ना मिला दुनिया मैं जिसके लिए खोना हैं वो दुसरे के लिए पाना हैं। यही हैं दुनिया की रीत ऐसी कोई व्यावस्था हो जो खुश और दुखी हैं अलग रहे बन जाये ऐसी एक भीत ©Dr Ravi Lamba #sad_qoute #jaunelia #HindiPoem #urdushayari #urduwriters Shristi Yadav