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हां हमें अभिमान है, मन में तेरा सम्मान है, हर रंग

हां हमें अभिमान है, मन में तेरा सम्मान है, 
हर रंग में जिंदादिली, तू ही जिक्र तू ही शान है, 
हां हमे अभिमान है, मन से तेरा सम्मान है।

हर हाथ है लहरा रहा, तुझे शान से फहरा रहा, 
ये आसमां भी कह रहा, मैं भी तिरंगित हो गया,
क्या खूब आभा से सुसज्जित, देश मेरा आज है,
हे राष्ट्र मेरे ऐ वतन, मुझे तुझपे कितना नाज है।

ऐ धरा ऐ आसमां, तू देख मेरा कारवां, 
ये है तिरंगे की हवा, ये है नया हिन्दोस्तां, 
ये ध्वज नही संस्कार हैं, ये स्नेह का संचार है,
दुश्मन जो देखे देश को,तो बस ये ही ललकार है।

लहरा रहा जो शान से, मेरे वतन की जान है, 
ऊंचा रहे अभिमान से, प्यारा हमें है जान से।
हर जनम तेरा साथ हो,मेरा तिरंगा हाथ हो,
जीतूं तो फहराता चलूं, मर जाऊं तो लिपटा मिलूं,

हां  हमें अभिमान है, मन में तेरा सम्मान है, 
हर रंग में जिंदादिली, तू ही जिक्र तू ही शान है,

©Anand Prakash Nautiyal #हर_घर_तिरंगा
हां हमें अभिमान है, मन में तेरा सम्मान है, 
हर रंग में जिंदादिली, तू ही जिक्र तू ही शान है, 
हां हमे अभिमान है, मन से तेरा सम्मान है।

हर हाथ है लहरा रहा, तुझे शान से फहरा रहा, 
ये आसमां भी कह रहा, मैं भी तिरंगित हो गया,
क्या खूब आभा से सुसज्जित, देश मेरा आज है,
हे राष्ट्र मेरे ऐ वतन, मुझे तुझपे कितना नाज है।

ऐ धरा ऐ आसमां, तू देख मेरा कारवां, 
ये है तिरंगे की हवा, ये है नया हिन्दोस्तां, 
ये ध्वज नही संस्कार हैं, ये स्नेह का संचार है,
दुश्मन जो देखे देश को,तो बस ये ही ललकार है।

लहरा रहा जो शान से, मेरे वतन की जान है, 
ऊंचा रहे अभिमान से, प्यारा हमें है जान से।
हर जनम तेरा साथ हो,मेरा तिरंगा हाथ हो,
जीतूं तो फहराता चलूं, मर जाऊं तो लिपटा मिलूं,

हां  हमें अभिमान है, मन में तेरा सम्मान है, 
हर रंग में जिंदादिली, तू ही जिक्र तू ही शान है,

©Anand Prakash Nautiyal #हर_घर_तिरंगा