अपनी दश्त सी मिज़्गाँ में पनाह देदे मुझे इन झील सी आँखों में डूबना है मुझे तेरे रुख़्सार से आफ़ताब उगता है रोज़ तेरी ज़ुल्फ़ों की तीरगी में छुपना है मुझे दश्त- घना जंगल मिज़्गाँ- eye lashes रुख़्सार- गाल आफ़ताब- सूरज तीरगी- अँधेरा #yqbaba #yqdidi #love #erotica #shayari #musingtime #romance #yqtales Romil Floss