स्वच्छता तन की स्वच्छता से कहीं ज़्यादा मायने रखती है मन की स्वच्छता क्योंकि तन की स्वच्छता तो आप कभी भी कहीं भी किसी भी समय किसी के द्वारा कर सकते हैं पर मन की स्वच्छता का परिक्षालन स्वयं के आत्मबोध से संभव हो पाता है। वो कहते हैं न तन की स्वच्छता का कोई अर्थ नहीं ग़र मन में ही मलिनता का निवास हो। ©Jitendra VIJAYSHRI Pandey "JEET " #जीतकीनादानकलमसे #स्वच्छता #तन #मन #nojotonews #nojotoenglish #nojotohindi #Nojoto #nojoto2021 #HealthHygiene