मोहब्बत का वो दरिया था, जिसे पाया नहीं हमने, जिस्म का वो दर्द था, जिसे गवांया नहीं हमने, तड़पकर आह भी निकाली, तड़प को समझा नहीं उसने, मोहब्बत का वो दरिया.....! "रसिक"✍️ पाया नहीं हमने........!