एक मूरत बनायी माता पार्वती ने स्वयं के चेहरे से उबटन उतार प्राण डाले बेजान मूरत में जन्मे विघ्नहर्ता किया सब का उद्धार दे गयी आदेश स्नान से पूर्व गौरी पुत्र मेरी आज्ञा का पालन करना भीतर न हो प्रवेश किसी का मेरा कहा यह स्मरण रखना हुआ आगमन तभी महादेव का प्रवेश की अनुमति गणेशा ने न दी अपमान समझ और लौट गए शिव गणेशा अडिग,अनुमति देवगण तक को न दी विफ़ल लौटी सम्पूर्ण सैना को देख अत्यधिक क्रोध महादेव को आया उठ खड़े हुए भरते क्रोध से शिव काटा शीश पुत्र का त्रिशूल हाथों से आया फिर लौटी गौरी भीतर से स्नान पश्चात कटा शीश पुत्र का देख माँ क्रोध में आयी हुई न शांत वह बालक को ऐसे देख दुर्गा , काली आदि शक्ति तब बुलवायी माँ को शांत करने में किया देवो ने प्रयास जब तक पुत्र मेरा जीवित न होगा मेरे क्रोध का प्रभाव पड़ेगा भारी अग्नि में जलेगी सृष्टि, सर्वनाश होगा शीव के निर्देश पर गए विष्णु उत्तर को और एक गज का मस्तक काट लाए पुत्र के धड़ पर गज का शीश लगाया हुए पुनर्जीवित और गजानन नाम तब पाए #GanpatiKaPunarjeevan #Ashtvinayak #Siddhivinayak #Nojoto #Kalakaksh एक मूरत बनायी माता पार्वती ने स्वयं के चेहरे से उबटन उतार प्राण डाले बेजान मूरत में जन्मे विघ्नहर्ता किया सब का उद्धार दे गयी आदेश स्नान से पूर्व गौरी पुत्र मेरी आज्ञा का पालन करना