दिल को भंवरो से निकाला जाएगा मुसीबतों में खुदा को पुकारा जाएगा।। तिश्नगी तेरी दिल में मेरे है छा रही इश्क़ की आग को जलाया जाएगा।। वो वस्ल की रात और मिलने की आरज़ू मुहब्बत को ऐसे ही निभाया जाएगा।। यूं धुप छाँव में सदा हम बढ़ते रहे राह के पत्थरों को अब हटाया जाएगा।। है ज़िन्दगी की ट्रेन के हम मुसाफ़िर कारवाँ हमारा स्टेशन से बढ़ाया जाएगा।। -आकिब जावेद दिल को भंवरो से निकाला जाएगा मुसीबतों में खुदा को पुकारा जाएगा।। तिश्नगी तेरी दिल में मेरे है छा रही इश्क़ की आग को जलाया जाएगा।। वो वस्ल की रात और मिलने की आरज़ू मुहब्बत को ऐसे ही निभाया जाएगा।।