महकी सी है सारी फ़िज़ा,बहकी सी है सारी अदा छेड़ो न कोई साज़ खुशनुमा,बाहों में आओ ना ख़ामोश क्यों हो सनम और क़रीब आओ ना ♥️♥️♥️ खिली चांदनी में तुम मौज़-ए-तिश्नगी जानेजाँ लज़्ज़त-ए-हयात में तुम मचलती हुई तमन्ना ख़ामोश क्यों हो सनम और क़रीब आओ ना ♥️♥️♥️ रंग-ए-चमन में सुर्ख रंग मेरे गुल में हो हमेशा जान-ए-सुखन में सनम पुर-नूर हर्फ़ हो मेरा ख़ामोश क्यों हो सनम और क़रीब आओ ना। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1050 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।