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साँझ भी अजीब हैं, अपनी होकर भी अजनबी है, कुदरत क

साँझ 

भी अजीब हैं,
अपनी होकर भी अजनबी है,
कुदरत के रंग भी निराले हैं,
बेचैन मन को खामोश करने वाले हैं।

©seema kapoor@ #saanjh
साँझ 

भी अजीब हैं,
अपनी होकर भी अजनबी है,
कुदरत के रंग भी निराले हैं,
बेचैन मन को खामोश करने वाले हैं।

©seema kapoor@ #saanjh