अच्छे बेटे माँ-बाप के साथ संस्कृति-सभ्यता, समाज की समझ के लिए एक नवीन खोज की एक प्रयोगशाला होते हैं, माँ-बाप अपने रग के खून अपनी उम्र के जुनून को टटोलते है, पूछिये उनसे प्रयोगशाला के बारे में वो क्या बोलते हैं! अच्छी बेटियाँ माँ-बाप के साथ संस्कृति-सभ्यता, समाज के अस्तित्व के लिए धन-पुण्य है! उसके अलावा उनकी सकल कमाई और पूंजी शून्य है! पुत्रों की तरह पत्थर समुद्र से जूझकर रामसेतु बना देते हैं और पुत्रियों की तरह जेवर लोग गंगा में डालकर भी गंवा देते हैं! उत्तरदायित्व