देखे बहुत अनबन, धीरज टूटा, गुस्सा आया, चिढ़ आयी, भावनाओं का सागर बहा, सेह सेह के आंखें सूझी, बस अब भगवान पे छोड़ा। अपने सर को ठंडा किया, सब्र का दिया जलाया, शांति की रौशनी जगाई, खुशाली की उम्मीद पे दिल को बहलाया। भावनाओं का बवंडर