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देर लगती है मगर! मन का भटकाव स्वतंत्रता है मूल आंन

देर लगती है मगर!
मन का भटकाव स्वतंत्रता है
मूल आंनद निजता है
मुख्य गुण व्यवहारिकता है
इनमें आयु रहती है
इनके बिना भी आयु रहती है मगर
मुख पर...
महाशय,यह जो आयु है ना
इसपर नियंत्रण में देर लगती है
प्रभाव हर व्यक्ति पकड़ता है
कोई मंडित दुनियाँ से जीत जाता है
कोई हार जाता है
जीता हुआ इंसान स्वर्ग जाता है,और
हार के आगे जीत है! गुलजार साहब ने एक साक्षात्कार में बताया, उनका स्वयं से पहचान होने के बाद उनका सफल निर्माण हुआ।

देर लगती है मगर 
हाँ देर लगती है मगर
मिल के रहता है वो घर
#देरलगतीहै #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु #yqdidi #life  #poetry
देर लगती है मगर!
मन का भटकाव स्वतंत्रता है
मूल आंनद निजता है
मुख्य गुण व्यवहारिकता है
इनमें आयु रहती है
इनके बिना भी आयु रहती है मगर
मुख पर...
महाशय,यह जो आयु है ना
इसपर नियंत्रण में देर लगती है
प्रभाव हर व्यक्ति पकड़ता है
कोई मंडित दुनियाँ से जीत जाता है
कोई हार जाता है
जीता हुआ इंसान स्वर्ग जाता है,और
हार के आगे जीत है! गुलजार साहब ने एक साक्षात्कार में बताया, उनका स्वयं से पहचान होने के बाद उनका सफल निर्माण हुआ।

देर लगती है मगर 
हाँ देर लगती है मगर
मिल के रहता है वो घर
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