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सुहाना सफर है, बेताबियाँ हैं, बजने लगी कितनी, श

सुहाना सफर है, 
बेताबियाँ हैं, 
बजने लगी कितनी, 
शाहनाईयाँ हैं, 
Delhi शहर की, 
कई मुश्किलें हैँ, 
चाहे साथ रहता है 
कोई भी कितना, 
मगर फिर भी कितनी
तन्हाईयाँ हैं।

©Senty Poet
  #delhiearthquake #Jindagi #Amit #poonam