बढ़ती हुई झूठों के कारोबार से भरोसा ही अब होता नही खुद्दार से सच लेकर चला था बेचने को मैं खाली हांथ लौट आया हूं बाजार से चंद लम्हों में बदल जातें हैं सब क्या उम्मीद करें किसी यार से जब तक न जीतूं मैं आता रहूंगा मैं रुकता नहीं हूं एक-दो हार से बहुत मुश्किल है यकीन करना महबूब लोग धोखा भी देते हैं तो बड़े प्यार से #कारोबार #खुद्दार #प्यार #बेचने #बाज़ार #हार #gumnam_shayar_mahboob #गुमनाम_शायर_महबूब