बढ़ रहे है क़दम उजाले की ओर, पा लूँगी एक दिन सफलता का छोर, न हारी हूँ न ही हारूँगी मैं कभी भी, हर कालरात्रि के बाद उदित होता उम्मीद का भोर। 🎀 उजाले की ओर 🎀 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 आज की प्रतियोगिता (Challenge-406) "दर-दर भटके" को जीतने के लिए "उजाले की ओर" पर कोलाब करना अनिवार्य है। 🎀 3 लेखकों को मिलकर कोलाब करना है और कुछ अनोखा लिखने की कोशिश करनी है। 🎀 Font छोटा रखिएगा जिससे वालपेपर खराब न हो। कम लिखिए या ज़्यादा लिखिए परन्तु अपना लिखिए।