जिसे देखूँ सब गुरुपूर्णिमा की शुभ कामनायें दिये फिरते है गर ये सही हैं तो लोग क्यों गुरु की मज़ाक बनायें फिरते हैं जब मैं समाज के नब्ज़ को टटोला पता यूँ चला मज़ाक को टटोला बहुत शौक से जब मैने गुफ़्तगू ऐ गुरु की पता चला मैने गुरु की बेइज्जती की लोग मुझे समझ ना सका ये चाहत ऐ गुरू क्यों कर रहा पता नही इसे अमीरी मे गरीबी कोन कर रहा हैं! ©Md Wazaifa Kamal जिसे देखूँ सब गुरुपूर्णिमा की शुभ कामनायें दिये फिरते है गर ये सही हैं तो लोग क्यों गुरु की मज़ाक बनायें फिरते हैं जब मैं समाज के नब्ज़ को टटोला पता यूँ चला मज़ाक को टटोला बहुत शौक से जब मैने गुफ़्तगू ऐ गुरु की पता चला मैने गुरु की बेइज्जती की लोग मुझे समझ ना सका ये चाहत ऐ गुरू क्यों कर रहा पता नही इसे अमीरी मे गरीबी कोन कर रहा हैं!