इंकार किया करती हूं तुझे पता नहीं क्यूं कैसे छुपा पाऊंगी तुझे मैं अपने दिल के गहराइयों में आखिर एक दिन आंखों में पानी बनकर दिख जाओगे कभी वापस तो तुम आओगे अपनी कहानी अधूरी सी लगती है क्या तुम अपना नाम कभी दे पाओगे मुझे तो नहीं लगता तुम अपना बनाओगे भूल गए थे जिस मोड़ पर मुझे तुम वहां से मुझे वापस ले जाओगे कहानी नहीं हूं मैं तेरी क्या अपनी जिंदगानी बनाओगे,,,, इंकार किया करती हूं,,, #yndiary #कोराकाग़ज़ #love #poetry #friendforever #mohbbat_bepanah #armanmalik