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मैंने किसी स्त्री को ईश्वर की तपस्या करते नही देखा

मैंने किसी स्त्री को ईश्वर की तपस्या करते नही देखा , एक पैर पर खड़े या सबकुछ त्याग कर वन को जाते नही देखा। स्त्री के रूप वाले भक्त खोज लेते ईश्वर को अपने छोटे बालक में , अपने परिवार की सेवा में , 
मैं अपने अंहकार में गुम वर्षो तक तप कर ईश्वर को पाने में  लगा रहा किंतु उस स्त्री ने पा लिया ईश्वर को उसके लिए बहाए  प्रेम के एक आंसू से, अपनी सेवा और समर्पण से।

©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS #मैंने किसी स्त्री को ईश्वर की तपस्या करते नही देखा , एक पैर पर खड़े या सबकुछ त्याग कर वन को जाते नही देखा। स्त्री के रूप वाले भक्त खोज लेते ईश्वर को अपने छोटे बालक में , अपने परिवार की सेवा में , मैं अपने अंहकार में गुम वर्षो तक तप कर ईश्वर को पाने में  लगा रहा किंतु उस स्त्री ने पा लिया ईश्वर को उसके लिए बहाए  प्रेम के एक आंसू से, अपनी सेवा और समर्पण से।
मैंने किसी स्त्री को ईश्वर की तपस्या करते नही देखा , एक पैर पर खड़े या सबकुछ त्याग कर वन को जाते नही देखा। स्त्री के रूप वाले भक्त खोज लेते ईश्वर को अपने छोटे बालक में , अपने परिवार की सेवा में , 
मैं अपने अंहकार में गुम वर्षो तक तप कर ईश्वर को पाने में  लगा रहा किंतु उस स्त्री ने पा लिया ईश्वर को उसके लिए बहाए  प्रेम के एक आंसू से, अपनी सेवा और समर्पण से।

©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS #मैंने किसी स्त्री को ईश्वर की तपस्या करते नही देखा , एक पैर पर खड़े या सबकुछ त्याग कर वन को जाते नही देखा। स्त्री के रूप वाले भक्त खोज लेते ईश्वर को अपने छोटे बालक में , अपने परिवार की सेवा में , मैं अपने अंहकार में गुम वर्षो तक तप कर ईश्वर को पाने में  लगा रहा किंतु उस स्त्री ने पा लिया ईश्वर को उसके लिए बहाए  प्रेम के एक आंसू से, अपनी सेवा और समर्पण से।