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इश्क़ मुकाम तक पूरा पाते चाहे मीरा का जोग बताते या

इश्क़ मुकाम तक पूरा पाते
चाहे मीरा का जोग बताते
या
पग राधा कि धूल सर चढाते
इश्क़ अधूरा भी चूम ही लेता

सारे मायने बदल ही जाते
ग़र यहॉ मुगल न आते संस्कार संस्कृति में ही था
इश्क़ मुकाम तक पूरा पाते
चाहे मीरा का जोग बताते
या
पग राधा कि धूल सर चढाते
इश्क़ अधूरा भी चूम ही लेता

सारे मायने बदल ही जाते
ग़र यहॉ मुगल न आते संस्कार संस्कृति में ही था
ankitmishra4564

Ankit Mishra

New Creator

संस्कार संस्कृति में ही था