दामन पर मेरे, सैकड़ों पैबंद ज़रूर हैं लेकिन खुदा का शुक्र है,धब्बा कोई नहीं ! दामन पर मेरे, सैकड़ों पैबंद ज़रूर हैं लेकिन खुदा का शुक्र है,धब्बा कोई नहीं !