मैं जब तुम्हारी आंखों को पढ़ता हूं लगता है प्यारी सी कोई किताब हो तुम! रातों में तेरा यूं मेरे ख्यालों में आना लगता है हसीं कोई ख़्वाब हो तुम! तुम जो मिले तो उदीप्त हुआ ये जीवन लगता है मेरे जीवन की कोई महताब हो तुम! शब्दों में समेट तुम्हें लिखा कोरे कागज पे जिसे मैंने लिखा वही कोई किताब हो तुम! ♥️ Challenge-547 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 📖 ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए।