एक और गुज़ारिश और नहीं इस दिल की सिफ़ारिश और नहीं माना है चलता ज़ोर नहीं शय नाज़ुक है कमज़ोर नहीं वो रफते नवाज़िश और नहीं ये वक़्त की साज़िश और नहीं बेज़ा धड़कन का शोर नहीं एक और क़दम उस ओर नहीं सब अपने है कोई गैर नहीं गैरों की बस्ती सैर नहीं दैरों की परस्तिश और नहीं इन लबों की जुंबिश और नहीं ये कायनात एक रोज़ा है सब्र ही एक भरोसा है एहसास की गुरबत और नहीं जस्बात की गफलत और नहीं ये शिरकत, सोहरत और नहीं ईमान! ये तोहमत और नहीं वो सच्चा फरिश्ता एक नूरी वो एक ख़ुदा कोई और नहीं चाहत बारिश का बोशा है इस दिल की ज़रूरत और नहीं #toyou#yqlife#yqlove#yqdedication#yqsufi#yqnature