बचपन और नानी का घर लाखो सपनों कि वह कहानी थी वो मेरी नानी थी अनगिनत कहानियों कि वह जुबानी थी वो मेरी नानी थी बहुत कम waqt मिला था मुझे पर उस कम waqt मे भी वो पूरी दुनियां कि खुशियाँ मेरे लिए लाई थी वो मेरी नानी थी वो अब जा चुकी हैं मुझे अकेला छोड़ कर पर फिर भी मेरे हर रात की वो आँखों कि पानी थी वो मेरी नानी थी लाखो सपने देखे थे उनकी आंखों ने मेरे लिए उन लाखों सपनों कि वो सच्चाई थी वो मेरी नानी थी आज भी मेरी आँखों उन्हें बेचैन होकर हर पल ढूंढती हैं कि शायद अब तो कही दिख जाए मेरी आँखों कि सफ़र कि वो मंजिल थी वो मेरी नानी थी मेरे मन को यकीन नही हैं मेरी आँखों कि तलाश अब भी जारी है ना जाने वो कौन से देश को गई हैं ये बात मैं सबसे पूछा करतीं हू अब तो मिल जायेंगी इसी आशा मे एक और कदम बढ़ाया करती हूँ मेरे हर एक कदम कि वो ताकत थी वो मेरी नानी थी ©sneha singh #Nanikaghar मेरी नानी