सूखे पेड़ का पत्ता हूं मैं जिस पर कोई बाहर नहीं तुम आओ जिंदगी में तो कोई बात बने हमदर्द बन कर नहीं हमसफर बनकर साथ चलें स्वरचित शायरी मंजू तोमर 🌹 नया का पुराना होना जीवन का चक्र है ये और फिर,पुराने का नया होना,🌹