उसकी कदमों की आहट आज भी मेरे कानों में गुंजती रहती है। जिस से ओ हमें बुलाया करती थी। और कहती थी न होंगे हम तुझसे जुदा खुदा कसम। ये अकसर मेरे कंधों मे सिर रख कर कसमें खाया करती थी। ©Ali Perwana कसमें खाया करती थी।