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रात के तकरीबन एक बजने को थे जी मचल रहा था मुझे पता

रात के तकरीबन एक बजने को थे
जी मचल रहा था मुझे पता है, मन में चाय के बहाने थे।-२

लौटते लौटते रात दो बजे मेने #आजादी को चलते देखा था,
पूछा तो बताया औरतों से लिपट ने आयी थी,  उनका दिन ख़तम अब जा रही है।

लगता है... फूल को खुशबू छोड़ कर जा रही है।
खेर छोड़ो,
मुजे अब सोना है काफी नींद आ रही है। #belated happy woman's day 😓😞
रात के तकरीबन एक बजने को थे
जी मचल रहा था मुझे पता है, मन में चाय के बहाने थे।-२

लौटते लौटते रात दो बजे मेने #आजादी को चलते देखा था,
पूछा तो बताया औरतों से लिपट ने आयी थी,  उनका दिन ख़तम अब जा रही है।

लगता है... फूल को खुशबू छोड़ कर जा रही है।
खेर छोड़ो,
मुजे अब सोना है काफी नींद आ रही है। #belated happy woman's day 😓😞