तेरे ही तो किस्से हैं जो गूंजते है रात भर मेरे ख्वाबों में.. वो तेरी ही तो बातें हैं जिनको अक्सर मैं कई दफा सुन लेता हूँ.. रहता हूँ मसरूफ़ चार पैसे कमाने की जद्दोजहद में.. वो तेरा ही तो अक्स है कि रात को तेरे करीब होने का एहसास दिलाता है.. डूबा देती है रातों की तन्हाई और ये बोझल से पल, वो तेरी ही तो यादें है जो थपकी देके सुला जाती है.. रोज़ाना.. #ThisMoment