नैनन से नैना भिड़ गए, ना पूछी दिल की बात, उस नज़र का ऐसा असर हुआ, निखर गये ज़ज्बात। सपनों से भरे नैना, संवरने लगे, बुनने लगे नये ख्वाब, देख बदल मेरी चाल को, मुझे सखियां करे मखोल, कहे किस ग्वाले संग प्रीत लगी, जो इस क़दर निखर उठा रंग रूप, होंठ सिले थे, पर नैनन बोल उठे, दिल की हालात विशेष प्रतियोगिता:- Note:- विशेष प्रतियोगिता महिने की 1,15,30,31 तारीख को आयोजित की जाती है। 👉collab करके comment में done लिखे। 👉 समय सीमा- 24 घन्टे तक 👉शब्द सीमा-अनिश्चित 👉 10 top रचना को testimonial दिया जायेगा। 👉 #collabwithपंचपोथी #पंचपोथी #सपनो_से_भरे_नैना 👉 Panchpothi. Blogspot.com को एक बार visit अवश्य करे, link bio में दी गयी है।