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Feelings हां याद है मुझे ,वो अपनी पहली मुलाक़ात ,ज

Feelings हां याद है मुझे ,वो अपनी पहली मुलाक़ात ,जब नज़रों से पहली बार नजरें टकराई थी सिर्फ एक खामोशी थी हमारे बीच और हम एक-दुजे के नाम से भी अनजान , कोई बात होती भी कैसे हमारे बीच ना कोई जरिया था ना ही हम लोगों के दिल में चाह अजनबी बन टकराएं और अजनबी बन एक-दूसरे की नजरों से दूर हो गए ।

ना दिल को कोई खुशी थी ना दिल को कोई ग़म जैसे नज़रों ने तुम्हारा चेहरा भूला दिया हो , फिर हम अचानक एक कोचिंग सेंटर पर टकराएं , शायद भगवान ने ये हमें मिलाने दूसरी और मजबूत कड़ी जोड़ी थी , बातचीत तो हमारे बीच कभी नही हुई ,बस हम आते कोचिंग सेंटर पर अपनी कोचिंग करते और अपने-अपने रास्ते चले जाते ।
बस ये ही सिलसिला हमारे बीच बहुत दिन तक होता रहा ।

फिर एक दिन में कोचिंग नही आई शायद ये तुम्हारे लिए पहला एहसास था की मैं तुम्हारे लिए कुछ खास हू और मैं इन सब से अनभिज्ञ अपनी ही उलझन में उलझी हुई थी ,
फिर मैं दुसरे दिन भी कोचिंग नही आई ,सर ने जब मेरी सहेली से पूछा तब तुम्हें ज्ञात हुआ कि मैं बीमार हूं ।
मेरी बीमारी में सात दिन बीत गए खामोशी से ।
Feelings हां याद है मुझे ,वो अपनी पहली मुलाक़ात ,जब नज़रों से पहली बार नजरें टकराई थी सिर्फ एक खामोशी थी हमारे बीच और हम एक-दुजे के नाम से भी अनजान , कोई बात होती भी कैसे हमारे बीच ना कोई जरिया था ना ही हम लोगों के दिल में चाह अजनबी बन टकराएं और अजनबी बन एक-दूसरे की नजरों से दूर हो गए ।

ना दिल को कोई खुशी थी ना दिल को कोई ग़म जैसे नज़रों ने तुम्हारा चेहरा भूला दिया हो , फिर हम अचानक एक कोचिंग सेंटर पर टकराएं , शायद भगवान ने ये हमें मिलाने दूसरी और मजबूत कड़ी जोड़ी थी , बातचीत तो हमारे बीच कभी नही हुई ,बस हम आते कोचिंग सेंटर पर अपनी कोचिंग करते और अपने-अपने रास्ते चले जाते ।
बस ये ही सिलसिला हमारे बीच बहुत दिन तक होता रहा ।

फिर एक दिन में कोचिंग नही आई शायद ये तुम्हारे लिए पहला एहसास था की मैं तुम्हारे लिए कुछ खास हू और मैं इन सब से अनभिज्ञ अपनी ही उलझन में उलझी हुई थी ,
फिर मैं दुसरे दिन भी कोचिंग नही आई ,सर ने जब मेरी सहेली से पूछा तब तुम्हें ज्ञात हुआ कि मैं बीमार हूं ।
मेरी बीमारी में सात दिन बीत गए खामोशी से ।

हां याद है मुझे ,वो अपनी पहली मुलाक़ात ,जब नज़रों से पहली बार नजरें टकराई थी सिर्फ एक खामोशी थी हमारे बीच और हम एक-दुजे के नाम से भी अनजान , कोई बात होती भी कैसे हमारे बीच ना कोई जरिया था ना ही हम लोगों के दिल में चाह अजनबी बन टकराएं और अजनबी बन एक-दूसरे की नजरों से दूर हो गए । ना दिल को कोई खुशी थी ना दिल को कोई ग़म जैसे नज़रों ने तुम्हारा चेहरा भूला दिया हो , फिर हम अचानक एक कोचिंग सेंटर पर टकराएं , शायद भगवान ने ये हमें मिलाने दूसरी और मजबूत कड़ी जोड़ी थी , बातचीत तो हमारे बीच कभी नही हुई ,बस हम आते कोचिंग सेंटर पर अपनी कोचिंग करते और अपने-अपने रास्ते चले जाते । बस ये ही सिलसिला हमारे बीच बहुत दिन तक होता रहा । फिर एक दिन में कोचिंग नही आई शायद ये तुम्हारे लिए पहला एहसास था की मैं तुम्हारे लिए कुछ खास हू और मैं इन सब से अनभिज्ञ अपनी ही उलझन में उलझी हुई थी , फिर मैं दुसरे दिन भी कोचिंग नही आई ,सर ने जब मेरी सहेली से पूछा तब तुम्हें ज्ञात हुआ कि मैं बीमार हूं । मेरी बीमारी में सात दिन बीत गए खामोशी से । #story #LoveStory #YourQuoteAndMine #yqquotes #factsoflife #ananttripathi #atrisheartfeelings #varshagujrati