खिलौना समझ कर खेलते जो रिश्तों से उनके निजी जज्बात ना पूछो तो अच्छा है बाढ़ के पानी में बह गए छप्पर जिनके कैसे गुजारी रात ना पूछो तो अच्छा है pk mahi