#love_shayari
कुछ शर्ते उसने रखी थीं कुछ बातों पर वो राजी थे
हम तो ठहरे सीधे सादे पंडित पर अब्बा उसके काज़ी थे
फिर बात बात पर बहस हुई और बातो में तकरार हुआ
फिर ताना तानी बढ़ने लगीं जीना भी जब दुश्वार हुआ
तो उसने मुझसे कहा प्रिये घर छोड़ चलो संग भाग मेरे
यह दुसह विरह सही जाय न अब हर लो सब संताप मेरे
उसके संग जीवन जीना है मन में मैने भी ठान लिया #Poetry