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ऐ मन भटक रहा है कहाँ तू अँधेरों के क्षीतिज खोजते

ऐ मन भटक रहा है कहाँ तू
अँधेरों के क्षीतिज खोजते
 सुख दुख के घने वन में।

 पुंज प्रकाश की अनुभूति कर तू
मन में सुख दुख से होके पार तू ।।

©MANPREET SINGH (साहिर-ए-मन)❤
  #शितीज के अँधेरे  Anshu writer Pranali S Indrajeet.73 Taani Sonam Sharma Suhani Tiwari