हर आदमी मुसाफ़िर है खुद ही चलना है। बस हमेशा आगे ही आगे बढ़ते रहना है। सत्य को अपनाकर सत्यपथ पर चलना है। असत्य को त्याग असत्य को दूर करना है। क्षणिक सुख को जीवन व्यर्थ न करना है। चुनकर सही राह मंजिल की ओर बढ़ना है। मुसीबत से ना घबराना है सामना करना है। पथरीले रास्तों में भी राह खुद ही बनाना है। आत्मविश्वास बढ़ा कर्म का दिया जलाना है। हौसलों को मजबूत कर आसमां को छूना है। असफलताओं को सफलता में बदलना है। दुनियां में नाम रोशन कर मुकाम बनाना है। -“Ek Soch” 🎀 Challenge-392 #collabwithकोराकाग़ज़ ❤ Happy International Men's Day ❤ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।