उम्र भर हम तुमको न भूल पाएँगे। पता न था इश्क़ का ये ईनाम पाएँगे। हम तो मिटा चुके अपनी हस्ती तेरे प्यार में, अब आप हमें अपने दीद के लिए तरसाएँगे। मिलेगी नहीं अब नींद तुमको भी सुकून की, जब-जब हमारे ख़्याल आपके जेहन में आएँगे। फितरत ही फ़रेबी हैं तो किस्मत का क्या कसूर, दिल के बहकावे में खुद को दुबारा नहीं उलझाएँगे। इस दुनिया मे न मिलेगा हम जैसा सच्चा साथी, ठुकराकर प्यार हमारा आप एक दिन पछताएँगे। ♥️ Challenge-980 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।