Nojoto: Largest Storytelling Platform

तू मछली जल के अंदर, छप छप करती रहती दिन भर। इधर

तू मछली जल के अंदर, 
छप छप करती रहती दिन भर। 
इधर जाती उधर जाती 
डुबकी लगाती रहती दिनभर # my first poetry 😊😊
तू मछली जल के अंदर, 
छप छप करती रहती दिन भर। 
इधर जाती उधर जाती 
डुबकी लगाती रहती दिनभर # my first poetry 😊😊