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मात्र चश्म से ही तेग कटार चलाते हैं, फ़जल-ए-खुदा मु

मात्र चश्म से ही तेग कटार चलाते हैं,
फ़जल-ए-खुदा मुख पर पर्दा रखते हैं,
आँब-ए-रवाँ सा नायाब हुस्न रखते हैं,
खुदा ए नेमत उसे भी पाकीज़ा रखते हैं।
 🌝प्रतियोगिता-83🌝
 
✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

🌹"पाकीज़ा"🌹
Meaning : श्रेष्ठ, उम्दा, निष्कलंक। 

🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या
मात्र चश्म से ही तेग कटार चलाते हैं,
फ़जल-ए-खुदा मुख पर पर्दा रखते हैं,
आँब-ए-रवाँ सा नायाब हुस्न रखते हैं,
खुदा ए नेमत उसे भी पाकीज़ा रखते हैं।
 🌝प्रतियोगिता-83🌝
 
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🌹"पाकीज़ा"🌹
Meaning : श्रेष्ठ, उम्दा, निष्कलंक। 

🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या