मनोरंजन के लिए न सौदा कर इन संस्कारों का
भटकर दर बदर मिटा रहा क्यूँ पूर्वजों की धरोहर
जायेगा जब ऊपर तब क्या ज्वाब व हाल होगा
दूसरे देश जाता जब आया कहाँ से पूछा जाता
जब यहाँ कुंडली बनी तेरी फिर वहाँ न बनी होगी
वहम तेरा सोच ज़रा नकल तो कहीं से हुईं होगी #Bhakti