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ज़रा देर से.... आये तुम जीवन में ज़रूरत थी तुम्हारी

ज़रा देर से....
आये तुम जीवन में
ज़रूरत थी तुम्हारी जब भी मुझको
थे नहीं तुम साथ
फँसी थी जब उलझनों में
आये नही तुम सुलझाने को
ग़म ने आ घेरा जब भी मुझको
आये नहीं तुम बनके "तारणहार"
जीवन में आया जब "वो" "पतझड़ का मौसम"
नहीं आये तब तुम बन "वसंत बहार"
भटकी थी जब में बीच राह पर          मुनेश शर्मा
नहीं आये तुम "हमराही" बन                 (मेरे❤️✍️)
जब घिरी थी में दुःख भरी "अमावस्या" में
नहीं आये तुम "ध्रुवतारा" बन
नहीं थे तुम मेरे पास
जब भी थी मुझको तुम्हारी "आस"
नहीं समझ सके कभी तुम "मेरे एहसास.."
अब....
अब जब आये हो तुम
अकेलेपन को सहते
अपने में जीना सीख चुकी हूँ
सब बाधाओं से पार पा चुकी हूँ
किसको कितना अपना समझूँ
किसको कितना महत्व दूँ...सब जान गयी हूँ
अब जब आये हो तुम
इतना ही कह सकती हूँ
अब नहीं तुम्हारी चाह मुझे
नहीं तुम्हारी ज़रूरत मुझे
अब स्वयं के साथ जीना सीखा गयी हूँ
अकेले जीवन जीना सीख चुकी हूँ प्राप्ति का महत्व खो जाता है चीज़ें अगर देर से मिलें।
#ज़रादेरसे #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
ज़रा देर से....
आये तुम जीवन में
ज़रूरत थी तुम्हारी जब भी मुझको
थे नहीं तुम साथ
फँसी थी जब उलझनों में
आये नही तुम सुलझाने को
ग़म ने आ घेरा जब भी मुझको
आये नहीं तुम बनके "तारणहार"
जीवन में आया जब "वो" "पतझड़ का मौसम"
नहीं आये तब तुम बन "वसंत बहार"
भटकी थी जब में बीच राह पर          मुनेश शर्मा
नहीं आये तुम "हमराही" बन                 (मेरे❤️✍️)
जब घिरी थी में दुःख भरी "अमावस्या" में
नहीं आये तुम "ध्रुवतारा" बन
नहीं थे तुम मेरे पास
जब भी थी मुझको तुम्हारी "आस"
नहीं समझ सके कभी तुम "मेरे एहसास.."
अब....
अब जब आये हो तुम
अकेलेपन को सहते
अपने में जीना सीख चुकी हूँ
सब बाधाओं से पार पा चुकी हूँ
किसको कितना अपना समझूँ
किसको कितना महत्व दूँ...सब जान गयी हूँ
अब जब आये हो तुम
इतना ही कह सकती हूँ
अब नहीं तुम्हारी चाह मुझे
नहीं तुम्हारी ज़रूरत मुझे
अब स्वयं के साथ जीना सीखा गयी हूँ
अकेले जीवन जीना सीख चुकी हूँ प्राप्ति का महत्व खो जाता है चीज़ें अगर देर से मिलें।
#ज़रादेरसे #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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