मैं अडिग हूँ जैसे, अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते हैं नही मरना है तो वतन के लिए मरो कुछ करना है तो वतन के लिए करो अरे टुकड़ा में तो बहुत जी लिए अब जीना है तो वतन के लिए जिओ जय हिंद इंकलाब जिंदाबाद ©PAVNESH PARMAR #Pavnesh_Parmar ✍️🌹 #shaheeddiwas सुुमन कवयित्री मañjü pãwãr